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महब्बत की कशिश तो पर्वतों को लांघ जाती है हजारों

महब्बत की कशिश तो पर्वतों को लांघ जाती है 
हजारों मील से दरिया, समन्दर देख लेता है ।
"सुजान "

©SUBE SINGH SUJAN #दीपावली #दरिया #समंदर #महब्बत #कशिश #शायरी
महब्बत की कशिश तो पर्वतों को लांघ जाती है 
हजारों मील से दरिया, समन्दर देख लेता है ।
"सुजान "

©SUBE SINGH SUJAN #दीपावली #दरिया #समंदर #महब्बत #कशिश #शायरी