कुछ बाते करनी हैं एक शाम मिलोगे क्या.. . किस्सा अधूरा है उसे पूरा करोगे क्या. थोड़ा तकल्लुफ फिर से करोगे क्या.. वहीं रुका हूं साथ चलने के लिए फिर से वापस आओगे क्या... चलो माना नामुमकिन है पर फिर से कोशिश करोगे क्या... हमारा जिक्र फिर से अपनी कहानी में करोगे क्या. कहानी अधूरी है एक शाम मिलोगे क्या.. #phir