कहानियों का दौर था, हम रूबरू हो गए बात कविताओं की निकली तो रोशनी ढूंढ ली नज्में लिखने के लिए पैगाम ओढ़ लिया पर कमबख्त इश्क की कलम में स्याही ना रहीं!! #k_shayari #randomthoughts #बस_यूँ_ही