एक था कोई जो खुदसेही था बीछडा हुआ, केहता था --तू चुनिंदा है, रुह तो कब की मर चुकी है .... बस अब ये जिस्म ही है जो जिंदा है .. कूच ख्वाब थे जो मसल दिये.. अब बस ये दिल शरमिंदा है, ये कैसी उलझन हे जिंदगी.. तूही पिंजरा और तूही परिंदा है----- #NojotoQuote tuhi pujara or tuhi prinda he