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उसकी नजरंदाज करने की आदत से परेशान हूं इतना, मुनास

उसकी नजरंदाज करने की आदत से परेशान हूं इतना, मुनासिब लगता नहीं जाना उसके दर के सामने।
मगर करूं क्या मेरा वजूद छोटा पड़ जाता है उसको खो जाने के डर के सामने।
भटक गया हूं इतना कि मौत भी किसी रास्ते पर ही मिल जाएगी मगर,
मुझे वो रोज मिलने आए ए दोस्त मेरी कब्र बनाना उसके घर के सामने।

✍ਤੇਰਾ ਸਿੱਧੂ #lastmeet
उसकी नजरंदाज करने की आदत से परेशान हूं इतना, मुनासिब लगता नहीं जाना उसके दर के सामने।
मगर करूं क्या मेरा वजूद छोटा पड़ जाता है उसको खो जाने के डर के सामने।
भटक गया हूं इतना कि मौत भी किसी रास्ते पर ही मिल जाएगी मगर,
मुझे वो रोज मिलने आए ए दोस्त मेरी कब्र बनाना उसके घर के सामने।

✍ਤੇਰਾ ਸਿੱਧੂ #lastmeet