मुश्किलों से जब हम थे घिरे, तुमने ही था मेरा साथ निभाया। बनकर रहते थे साया मेरा, दिल से मेरे हर डर को मिटाया। जो मेरा कोई अपना ना कर सका, तुमने वह काम करके दिखाया। अपने हक के लिए लड़ना बताया, अपने दम पर जीना सिखाया। नाआश्रा थे जिंदगी में तुम मेरी, फिर भी तुमने मेरा हौसला बढ़ाया। जिंदगी को खुशियों से भर कर, तुमने जीवन को मेरे रंगीन बनाया। मर मिटे थे हम इसी हौसले पर, दुनियां से लड़ कर साथ निभाया। हमने तुम्हें दिल देकर नाआश्रा से, अपने जीवन का रहनुमा बनाया। बदलना न तुम बनाये रखना एतबार अपना, तुमने उड़ना सिखाया। दुनिया की सारी बंदिशे तोड़कर, हमने भी है तुमको अपना बनाया। -"Ek Soch" "अजीज/प्रिय" "कातिबों/लेखकों" 👉आज की बज़्म/प्रतियोगिता के लिए आज का हमारा अल्फ़ाज़/शब्द है 👇👇👇🌸"नाआश्ना/ناآشنا"🌸 🌻"Naa-aashna"🌻 👉तहरीर/मतलब- अजनबी, अपरिचित