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सतयुग हो या कलयुग हो, हर युग में केवल नारी ही सताई

सतयुग हो या कलयुग हो, हर युग में केवल नारी ही सताई जाती है।
गलती चाहे किसी की भी हो, सदैव बस नारी ही दोषी ठहराई जाती है।

नारी का हर स्वरूप पूजनीय और वन्दनीय है देवी रूप में पूजी जाती है।
नारी चाहे कितनी भी पतिव्रता धर्मपरायणा हो अग्नि परीक्षा ली ही जाती है।
 🎀 Challenge-377 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 4 पंक्तियों अथवा 40 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
सतयुग हो या कलयुग हो, हर युग में केवल नारी ही सताई जाती है।
गलती चाहे किसी की भी हो, सदैव बस नारी ही दोषी ठहराई जाती है।

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नारी चाहे कितनी भी पतिव्रता धर्मपरायणा हो अग्नि परीक्षा ली ही जाती है।
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