अंदर एक शोर सा है, दिखावे की दुनिया में सच कहना एक जहर सा है.. अब हर बात जो उन्हें अच्छी लगे, चाहे हो झूठ या गलत, उसे हसके कहना खुद पे रहम सा है.. झूठ सुनने का दर्द, सच ना कह पाने की तक़लीफ़, मुँह पर रखे हाथ और कहीं भी ना हो अपनी बात. जो वो बोले तो हान है, और हम बोले तो ना है, जो वो रो ले तो गम है, और हम रो ले तो कम है.. आज़ादी जो मिली है सबको, पर आज़ाद यहाँ कौन है? हर घर की भूख मिटाने को, हर घर में कोई गुलाम है.. है अंदर जो एक शोर सबके, उसे कोई तो ज़ुबान दो.. हर रोज उठके फिर मर जाना, इसे कोई तो लगाम दो.! राहुल भुते. . ©Rahul bhute #HindiDiwas2020 #Freedom #Azadi #thought #Life #Hindi #EXPLORE #treanding #khayal #Dark