दूर रहो, मेरे पास ना आना यारों, खता ना कर बैठूं, डगमगाता गुरूर बन गया हूं। बोतल छोड़, दिमाग में ठहर गई ये शराब, मैं अब मैं नहीं, नशे में हूं, लड़खड़ाता सुरूर बन गया हूं।। अभी इश्क के बाजा़र से, नीलाम होकर आया हूं, बड़ा बेआबरू, बड़ा बदनाम होकर आया हूं। मज़ाक बन, अब झूठा सा मुस्कुराता, मजबूर बन गया हूं, मैं अब मैं नहीं, नशे में हूं, लड़खड़ाता सुरूर बन गया हूं।। हवा सा हो गया और अपना रुख जानता नहीं मैं, बेपनाह सा हो गया और खुद को भी पहचानता नहीं मैं। कभी दिलफेंक था, आज दिलजलाता फितूर बन गया हूं , मैं अब मैं नहीं, नशे में हूं, लड़खड़ाता सुरूर बन गया हूं।। #shaayavita #main #kaun_hun_main #nojoto