मोहब्बत का असर ऐसा हुआ। फिर और कुछ न नज़र आया। दीवानगी की हद से गुजरे दिल! मैंने जिधर भी देखा तुझे पाया। तुमको जब भी क़रीब पाया। दिल को बड़ा सुकून आया। ये ज़मीनी दूरियों का रास्ता! मेरे नज़दीक सुकुड़ आया। 🎀 Challenge-212 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।