मुकम्मल इश्क़ मे कुछ गवाया भी नहीं। उन्हें खोने के सिवा कुछ पाया भी नहीं। हसरतें अंजाम मोहब्बत का सुना बहुत था। मगर फासलो के सिवा हिस्से में कुछ आया भी नहीं। ©its@re D@mor wake up memmory #Love