1.सावन क़दम क़दम पर सिसकी और क़दम क़दम पर आहें खिजाँ की बात न पूछो सावन ने भी तड़पाया मुझे 2.बरसात जी करता है तेरे संग भीगू मोहब्बत की बरसात में और रब करे.. उसके बाद तुझे इश्क़ का बुखार हो जाए 3.बादल कुछ हाथों की महँदी छुटी कुछ आँखों के काजल बरसे फ़ूल पात सब जोगी हो गए बिन मौसम जब बादल बरसे 4.मौसम "मोहब्बत"रूह में उतरा हुआ मौसम है जनाब ताल्लुक कम करने से "मोहब्बत" कम नही होती मañjü pãwãr Shalini Bajaj Shalu