समय की बहती धारा में कुछ बह गए, कुछ रह गए अपने पराये के इस खेल में न जाने कितने रिश्ते ढह गए कुछ दर्द मिले,कुछ सबक मिले कुछ सवाल अनसुलझे ही रह गए... सुप्रभात। एक समय के बाद सूखे पत्ते ख़ुद झड़ जाते हैं वैसे ही इंसान के ग़म। #समयबाद #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi