मख़मली पैर जो थे कभी उसके पथरीली ज़िन्दगी में चल चल कर आज पत्थर से हो गए हैं ख्वाहिशें जो उसकी कभी आज़ाद थी रस्मों रिवायतों और मज़हब की बेड़ियों में बंध बंध के कहीं गुम हो गए हैं OPEN FOR COLLAB 😁 #ATपथरीलीज़िन्दगी • A Challenge by Aesthetic Thoughts! Collab on this beautiful bg with your soulful words. 😁 • Must use hashtag: #aestheticthoughts • Please maintain the aesthetics.