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Typing सीखना हुआ करता था कभी मेरा छंद।। एक वक्त

Typing सीखना हुआ करता था कभी मेरा छंद।।


एक वक्त ऐसा था Typing सीखने का शौक चढा था।
पप्पा ने फीस भरने से मना किया था। पप्पा को लगता था लडकियों को.....


शेष भाग अनुशीर्षक में।।  #cinemagraphएक वक्त ऐसा था Typing सीखने का शौक चढा था।
पप्पा ने फीस भरने से मना किया था। पप्पा को लगता था लडकियों को अगर ज्यादा ही होशियार बना देंगे तो लडकों को reject करती जाएगी और अपने हिसाब का लड़का ढूँढने पर मजबूर करेगी जो कि उस समय में हमारे शहर में हमारी cast में unavailable था।
इसी वजह से Typing सीखने की मेरी माँग को नज़र अंदाज कर दिया गया। पर मुझे वो बात हजम नही हुई। मैं मम्मी से रोज़ झगडा़ करने लगी। एक दिन मम्मी को भी मेरी बात पट गयी और कहा जब पप्पा आॉफिस में रहेंगे उस time पर जाना और याद रखना उन्हे पता न चले। मम्मी ने अपने जमा किए हुए पैसों से मेरी फीस भर डाली और stationery भी खरीद डाली। 
मैं typing सीखूँगी इस बात की खुशी ने मुझे रहने नही दिया । Typing class के timing से पहले ही मैं class पहुँच जाती पर सर मुझे allow नही करते। Typewriter पर बैठने के बाद ऐसे लगा मानो बस अब देश को बदलना ही रह गया है। asdfgf   ;lkjhj
बस शुरु कर दिया सीखना। Typewriter के keys में जब ऊँगलियाँ फसती है उसका दर्द सहना पड़ता है सीखने के लिए। सर मुझे बहुत डाँटते थे। मैंने बराबर margin नही रखा। Alphabets को type करते समय मेरा फेस ऊपर था या नीचे हर चीज उन्हे मालुम पड़ जाती थी। रोज़ जितने excitement से मैं जाती थी उतने ही mood off हो वापस आ जाती थी। सर मेरा typing किया हुआ paper देख mistakes निकालते और पूरा❌ कर डालते। यह सभी मुझे discourage कर रहा था। मैं प्रतिभाशाली थी मुझे school,college  में कभी Teachers,Lecturers से डाँट नही पडी थी। इनकी रोज़ रोज़ की डाँट,discouragement ने मुझे हिला डाला। ऊपर से पप्पा ने भी मुझे office से आते जाते देख लिया था। पप्पा को तो मैं मना पाई,पर सर को खुश नही कर पाई। जितनी भी मैं सुंदरता से type करती सर खुश होते ही नही। small letters (alphabets) पूरा सीख लिया फिर भी नही। 
ऐसे लगने लगा मानो सर अपनी कोई खुन्नस मुझ पर निकाल रहे हो। Boys को खुश होकर सिखाते थे। पर मुझसे नाराज़ ही रहते थे। हमारा इससे पहले कभी मिलना या कोई पहचान नही थी । पर जाने क्यों ऐसा बर्ताव। मैंने उनके इस रवैये से तंग आकर Typing class ही जाना छोड़ दिया। 
कहने का तात्पर्य ये है कि जिंदगी में लोग आपसे जब कुछ सीखना चाहते है तो उन्हे दिल खोल कर सिखाइये। मन मारकर नही। मेरा जो excitement था typing और Typewriter को लेकर वो बुरी तरह उद्धवस्त हुआ । फिर कभी मैंने अपनी life में सोंचा नही दोबारा उसे सीखना।।
#yqbaba #yqdidi #aestheticthoughts #restzone
Typing सीखना हुआ करता था कभी मेरा छंद।।


एक वक्त ऐसा था Typing सीखने का शौक चढा था।
पप्पा ने फीस भरने से मना किया था। पप्पा को लगता था लडकियों को.....


शेष भाग अनुशीर्षक में।।  #cinemagraphएक वक्त ऐसा था Typing सीखने का शौक चढा था।
पप्पा ने फीस भरने से मना किया था। पप्पा को लगता था लडकियों को अगर ज्यादा ही होशियार बना देंगे तो लडकों को reject करती जाएगी और अपने हिसाब का लड़का ढूँढने पर मजबूर करेगी जो कि उस समय में हमारे शहर में हमारी cast में unavailable था।
इसी वजह से Typing सीखने की मेरी माँग को नज़र अंदाज कर दिया गया। पर मुझे वो बात हजम नही हुई। मैं मम्मी से रोज़ झगडा़ करने लगी। एक दिन मम्मी को भी मेरी बात पट गयी और कहा जब पप्पा आॉफिस में रहेंगे उस time पर जाना और याद रखना उन्हे पता न चले। मम्मी ने अपने जमा किए हुए पैसों से मेरी फीस भर डाली और stationery भी खरीद डाली। 
मैं typing सीखूँगी इस बात की खुशी ने मुझे रहने नही दिया । Typing class के timing से पहले ही मैं class पहुँच जाती पर सर मुझे allow नही करते। Typewriter पर बैठने के बाद ऐसे लगा मानो बस अब देश को बदलना ही रह गया है। asdfgf   ;lkjhj
बस शुरु कर दिया सीखना। Typewriter के keys में जब ऊँगलियाँ फसती है उसका दर्द सहना पड़ता है सीखने के लिए। सर मुझे बहुत डाँटते थे। मैंने बराबर margin नही रखा। Alphabets को type करते समय मेरा फेस ऊपर था या नीचे हर चीज उन्हे मालुम पड़ जाती थी। रोज़ जितने excitement से मैं जाती थी उतने ही mood off हो वापस आ जाती थी। सर मेरा typing किया हुआ paper देख mistakes निकालते और पूरा❌ कर डालते। यह सभी मुझे discourage कर रहा था। मैं प्रतिभाशाली थी मुझे school,college  में कभी Teachers,Lecturers से डाँट नही पडी थी। इनकी रोज़ रोज़ की डाँट,discouragement ने मुझे हिला डाला। ऊपर से पप्पा ने भी मुझे office से आते जाते देख लिया था। पप्पा को तो मैं मना पाई,पर सर को खुश नही कर पाई। जितनी भी मैं सुंदरता से type करती सर खुश होते ही नही। small letters (alphabets) पूरा सीख लिया फिर भी नही। 
ऐसे लगने लगा मानो सर अपनी कोई खुन्नस मुझ पर निकाल रहे हो। Boys को खुश होकर सिखाते थे। पर मुझसे नाराज़ ही रहते थे। हमारा इससे पहले कभी मिलना या कोई पहचान नही थी । पर जाने क्यों ऐसा बर्ताव। मैंने उनके इस रवैये से तंग आकर Typing class ही जाना छोड़ दिया। 
कहने का तात्पर्य ये है कि जिंदगी में लोग आपसे जब कुछ सीखना चाहते है तो उन्हे दिल खोल कर सिखाइये। मन मारकर नही। मेरा जो excitement था typing और Typewriter को लेकर वो बुरी तरह उद्धवस्त हुआ । फिर कभी मैंने अपनी life में सोंचा नही दोबारा उसे सीखना।।
#yqbaba #yqdidi #aestheticthoughts #restzone
ashagiri4131

Asha Giri

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