कबसे तेरी राहो में नजरे लगाये बैठे है! हर शाम आंगन में शमा जलाये बैठे है! एक तू हें के तुझे वक्त की कदर नही है! और एक वक्त है जिसे रुकने का सबर नही है! #Gd.... वक्त... #moonlight