सुंदर नाम है मेरा, पर नहीं हूँ उतना दिल का साफ़ हूँ और सोच भी सीधी लगता था कि मेरे चुटकुलों पर मुस्करा रही हो लेकिन तुम तो हंसती थी मेरे नाम के अनुसार मैं नहीं हूँ माँ-बाप ने रखा, अब ये क्या मेरी गलती थी स्मृति, क्या तुम भूल गई? साथ जाते थे कार में पेट्रोल के बढ़ते दाम का विरोध प्रदर्शन करने तुम शायद भूल गई हो, स्मृति मगर अब भी मैं दिल का साफ़ ही हूँ मैं तुमपर हंसूंगा नहीं मैं नहीं भूला A love poem with a #political twist #yqbaba #yqdidi #politics #yolopomo #love