ये है जो हया शरम और लाज ,,,, निकली नहीं आज भी दिल की आवाज ,,,, डरता भी है मरता भी है कहने करने को ,,,, आता नहीं नजराने की पेशकश से बाज ,,,, इशारों में खेलने का फितूर है इसे बस,,,, फीके रह जाते है महज जो है ये अल्फाज ,,,, ना रुसवा ना नोंकझोंक ही है कोई ,,,, बस है तो अपना अपना मुद्दा और नाज ,,,, नफा नुकसान हुआ ना रहा फिर भी कुछ ,,,, बताओ इस बात का है क्या इलाज ,,,, ये है जो हया शरम और लाज ,,,, #NojotoQuote