“ख़ुद का वजूद" विरोधाभास काव्य हर किसी को मिला प्रेम सफलता यहांँ। मैं हर पल अपने भाग्य को कोसता रहा।। किसी ने निस्वार्थ प्रेम किया मुझसे अथाह। किसी ने छोड़ दिया मुझे जीवन में अकेला तन्हा।। सब अपने ही ताउम्र मुझ पर तंज कसते रहे। हम उनका हृदय अपने प्रेम परवाह से जीतते रहे।। हर कोई प्रेम को मेरे जीवन का सबसे बड़ा दुर्भाग्य कहा। मेरे लिए मेरे ईश्वर का दिया सौभाग्य रहो हो ऐसा मैंने उनसे कहा।। मैंने हर रिश्ते के लिए ख़ुद को न्यौछावर कर दिया। बदले में मुझे पीछे से वे खंजर से घायल कर दिया।। हर बार अपने पराए सब मिल मेरा विश्वास तोड़ते रहे। अब किसी पर तो क्या ईश्वर पर भी भरोसा ना कर पा रहे।। जीवन भर उनसे ख़ुद के स्वाभिमान के लिए लड़ते रहे।। वे एक पल में मेरे वजूद को सहर्ष स्वीकार कर लिए।। #rztask482 #restzone #rzलेखकसमूह #collabwithrestzone #विरोधाभास #yqdidi #unique_upama #yqrz