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हाँ वो बचपन में तुम्हारी कॉपी भी चुराते थे जो हमेश

हाँ वो बचपन में तुम्हारी कॉपी भी चुराते थे
जो हमेशा पकड़े जाते थे ।
बचपन मे राखी पर जो उपहार देते लेकिन झगड़ा कर के 
ले लेते थे ,न जाने वो किस कोने में      खो गया 
तुमसे रखी बंधवाए 6-7 साल हो गया   । 
हाँ वो अभी भी याद है बचपन मे साथ पढ़ी हुई उस लड़की की 
नाम लेकर बुलाती थी ,  जब देखो तब घर में मुझे चिढ़ाती थी ।
हम भैया और तुम साथ एक ही लालटेन से पढ़ते थे ,
लालटेन को अपनी तरह खीच कर हमेशा एक दूसरे से लड़ते थे ।
सच मे बचपन कि यादें बहुत ही सुंदर और अजीब होती  है ,
दिल के ये  सबसे करीब होती है । #bachpan #shayri#poetry#nojoto
हाँ वो बचपन में तुम्हारी कॉपी भी चुराते थे
जो हमेशा पकड़े जाते थे ।
बचपन मे राखी पर जो उपहार देते लेकिन झगड़ा कर के 
ले लेते थे ,न जाने वो किस कोने में      खो गया 
तुमसे रखी बंधवाए 6-7 साल हो गया   । 
हाँ वो अभी भी याद है बचपन मे साथ पढ़ी हुई उस लड़की की 
नाम लेकर बुलाती थी ,  जब देखो तब घर में मुझे चिढ़ाती थी ।
हम भैया और तुम साथ एक ही लालटेन से पढ़ते थे ,
लालटेन को अपनी तरह खीच कर हमेशा एक दूसरे से लड़ते थे ।
सच मे बचपन कि यादें बहुत ही सुंदर और अजीब होती  है ,
दिल के ये  सबसे करीब होती है । #bachpan #shayri#poetry#nojoto