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साहित्य साधन है भावो की अभिव्यक्ति सुनने को , जब

साहित्य साधन है 

भावो की अभिव्यक्ति सुनने को ,
जब कोई न पास होता है ।
झट से लेखनी उठता हूं और ,
काव्य के सानिध्य में जाता हूं ।
सहारा साधन का पाते ही मै ,
भावो को साध्य तक पहुंचाता हूं 
कि
प्यारा सा मंडल था शिक्षा निधी,
चलता था अपनी स्वेच्छा से ,
न थी कोई विधि ।
कभी शिक्षा संबंधी विषय पर चर्चे होते 
तो कभी अपनी बिती सुनने में समय गुज़र जाता था ।
समय समय पर ,व्यांगो की बौछार  होती थी,
 तो कभी छड़ी से मेहंदी रचाई जाती थी ।
आप , भैया को किस रूप याद करेंगे ?
पांच वर्ष के सेवा को किस भाव से तौलेगे ?
खट्टे मीठे स्मृतियों को संजोए , 
आप से विदा लेता हूं ,
लौटेगी रौनक आंगन कर दोबारा , इस बात का आश देता हूं ।

©Krishna ka kavya साहित्य साधना है ...

#letter
साहित्य साधन है 

भावो की अभिव्यक्ति सुनने को ,
जब कोई न पास होता है ।
झट से लेखनी उठता हूं और ,
काव्य के सानिध्य में जाता हूं ।
सहारा साधन का पाते ही मै ,
भावो को साध्य तक पहुंचाता हूं 
कि
प्यारा सा मंडल था शिक्षा निधी,
चलता था अपनी स्वेच्छा से ,
न थी कोई विधि ।
कभी शिक्षा संबंधी विषय पर चर्चे होते 
तो कभी अपनी बिती सुनने में समय गुज़र जाता था ।
समय समय पर ,व्यांगो की बौछार  होती थी,
 तो कभी छड़ी से मेहंदी रचाई जाती थी ।
आप , भैया को किस रूप याद करेंगे ?
पांच वर्ष के सेवा को किस भाव से तौलेगे ?
खट्टे मीठे स्मृतियों को संजोए , 
आप से विदा लेता हूं ,
लौटेगी रौनक आंगन कर दोबारा , इस बात का आश देता हूं ।

©Krishna ka kavya साहित्य साधना है ...

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