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बेशुमार सा उत्साह लिए निकल पड़ी थी सफर ए जान से

बेशुमार सा उत्साह लिए  निकल पड़ी थी 
सफर ए जान से मिलने 
नासमझ कहो या बेवकूफ इस उम्र को 
पर चल पड़ी थी खता बेईमान सी करने 
की दिल में कुछ उम्मीदें ख्वाब सा जगा कर
 ना जाने क्यों मन में एक आशा का दीप जलाकर 
मैं चल पड़ी थी निकल पड़ी थी  
कुछ खुद को और कुछ मुश्किलों को आसान सा करने..
   
 Raina Shukla(Rising Poetess) # nikal padi thi chal padi thi#raina shukla
बेशुमार सा उत्साह लिए  निकल पड़ी थी 
सफर ए जान से मिलने 
नासमझ कहो या बेवकूफ इस उम्र को 
पर चल पड़ी थी खता बेईमान सी करने 
की दिल में कुछ उम्मीदें ख्वाब सा जगा कर
 ना जाने क्यों मन में एक आशा का दीप जलाकर 
मैं चल पड़ी थी निकल पड़ी थी  
कुछ खुद को और कुछ मुश्किलों को आसान सा करने..
   
 Raina Shukla(Rising Poetess) # nikal padi thi chal padi thi#raina shukla
rainashukla8009

Raina Shukla

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