मुझे इश्क बार बार हुआ उससे ही दोबार हुआ, ना जाने क्यों नहीं समझता है वो साहिल मेरा मोहब्बत नहीं मेरी इबादत वो हर बार हुआ, मेरे अश्कों की भी जुबां नहीं समझता है वो लोग कहते हैं मेरी बातों का वो तलबगार हुआ, ख्वाबों में भी नजर आता है वही चेहरा जिसके लिए ये काफ़िर हर गली चौराहे पर बदनाम हुआ।। ©Mauryavanshi Veer #Veeer #Abhishek #Time