हज़ारो रंग अभी बिखरे मेरे घर मे उजाला है विलादत का तुम्हारा दिन समा भी अब निराला है मेरी दुनिया मे तुम आई महकते फूल के जैसे मै इस पे नाज़ करता हू तुम्हारा नाम 'ग़ज़ाला' है #abid_hussain