अब कहाँ जाए मुझे ये पता नहीं किस राह पर ठोकरें खाएंगे मुझे ये पता नहीं एक चाहत सिदद से मुद्दतो बाद मिली थी मिलते ही वो मेरा रब बन गई थी और जुदा होते ही वो मेरे बंदगी में आ गई जाने अब मोड़ क्या ले जिंदगी और मौत का किसी को पता नहीं ©keshaw prasad #5LinePoetry अब कहाँ जाए Keshav Dev karan patel