हम बुलाते रहे और वो हमारे आशियाँ में आते रहे , हमने सोचा ये दोस्त का प्यार है शायद, पर वो तो हमे हर महफ़िल में ठुकराते रहे, हमने कभी सोचा न था दोस्ती सिर्फ मेरे आशियाँ तक ही थी , महफ़िल में तो वो हमे अनजानों से नज़र आते रहे , वो महफ़िल में होकर भी अज़ीब सी मशकत में थे , और हम अकेले होकर भी मुस्कुराते रहे . #NojotoQuote दोस्त का प्यार