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वो ख्वाब जो मेरी नींदो मे कैद था,कब का रिहा हो गय


वो ख्वाब जो मेरी नींदो मे कैद था,कब का रिहा हो गया
बुझने से नही डरा वो दिल,आंधीयो मे दिया हो गया





 पिंजरा

वो ख्वाब जो मेरी नींदो मे कैद था,कब का रिहा हो गया
बुझने से नही डरा वो दिल,आंधीयो मे दिया हो गया





 पिंजरा