आँखें मूंदूँ तो तेरा चेहरा याद आता है, तब कहीं जाकर इस दिल को सुकूं मिलता है । वरना दिनभर तो ये ऑखें न जाने कितने चेहरों को देखती है ।। पर इन चेहरों में वो बात कहॉ ...... जो तुझमें है , इन ऑखो को वो सुकूं कहॉ .... जो तुझे क्षण भर देखने से ही मिलती है ।। # तेरा चेहरा नजर आता है ।।।