जिंदगी के जाल में पैर उलझ गए मेरे अपनी ही चाल में। ताउम्र गुजर रही है बस इसी मलाल में। अगर नहीं होते आपके ख्याल में। तो न जाने कैसे होते किस हाल में। उलझ जाते हैं कुछ अनसुलझे सवाल में। क्यों हैं इतने परेशां क्या रखा है इस बवाल में। क्यों पीट रहे हैं अपना भाल इस बेढंगी सी ताल में। लहरें ऊंची हों या नीची हस्र एक वही काल के गाल में। जिंदगी के जाल में। फंस गए हम अपनी ही चाल में। ज़िन्दगी के जाल में फँस गए हम अपनी चाल में... #ज़िन्दगीकाजाल #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #yqhindi