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फिर कोई खुशबू है बिखरी, फिर कोई गुलिस्तां खिला है,

फिर कोई खुशबू है बिखरी, फिर कोई गुलिस्तां खिला है,

फिर कहीं है धूप बिखरी, उन्स होने का सिला है,

आज फिर ये दिल है धड़का, इश्क़ की बारिश है बरसी,

आज इस दिल की गली से फिर कोई अज़नबी निकला है।।।
 उन्स - love
फिर कोई खुशबू है बिखरी, फिर कोई गुलिस्तां खिला है,

फिर कहीं है धूप बिखरी, उन्स होने का सिला है,

आज फिर ये दिल है धड़का, इश्क़ की बारिश है बरसी,

आज इस दिल की गली से फिर कोई अज़नबी निकला है।।।
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akhilarya5998

Akhil Arya

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