फिर कोई खुशबू है बिखरी, फिर कोई गुलिस्तां खिला है, फिर कहीं है धूप बिखरी, उन्स होने का सिला है, आज फिर ये दिल है धड़का, इश्क़ की बारिश है बरसी, आज इस दिल की गली से फिर कोई अज़नबी निकला है।।। उन्स - love