आज जो ये आग जंगलों की न बुझी कल सांसें भी मुश्किल हो जाएंगी प्रकृति तो खुद को संभाल ही लेगी मानवता कैसे खुद को बचाएगी ।। सांसें देकर जो पाल रहे माटी को भी संभाल रहे जीवनदाता जंगल हैं जीवन को तुम उजाड़ रहे ।। खुद पर ही कुछ रहम करो अपने विनाश को ना आमंत्रित करो काश समय रहते संभाल पाओ क्षणिक लाभ के लिए न जंगल जलाओ।। #nojotohindi#forests#Amazonfires#poetry#jangal