Real fact not a story.... आरु सुनकर जैसे मेरे पैर जमीन से चिपक गए थे ,रुक तो गई थी पर तुम्हारे तरफ़ पलटकर देखने की हिम्मत नही हो रही थी ,उस पर में घबरा गई थी जाने तुम क्या कहोगे , क्या पुछना चाहते हो दिमाग में एक साथ कई सवाल आ रहे थे । पर हिम्मत करके पलटी पर तुम्हारे तरफ़ देखने की हिम्मत नही हो रही थी पर पलटना तो था । तुमने बोला Tension मत लो कुछ नही कह रहा बस ये कह रहा था की ये नम्बर है बात कर लेना उससे तुम्हारे लिए पुछ रहा था और मैं ने वो नम्बर ले लिया उस दिन बहुत कुछ ना बोलकर भी बोल गए थे तुम , कितना कुछ था तुम्हारे सिर्फ एक वाक्य में मेरे लिए समझने को और सच कहूं तो समझी भी । हां तुम्हारे नाम लेकर बुलाने में ये था तुम आज भी वो ही हो बदले नही हो ना तुम्हारी feeling बदली है