बहुत समय पहले एक गांव में एक किसान रहता था। उसके पास काफी संपत्ति थी क्योंकि उसने बहुत सालों तक खूब मेहनत किया था। उसके पास बहुत बड़े-बड़े खेत थे पर वह बहुत दुखी था। क्योंकि उसके बेटे बहुत पसंद आलसी थे। ना तो वह मदद करते थे। सारे दिन सोते ही रहते थे और अपना समय फालतू के खेलों में बर्बाद किया करते थे। एक दिन किसान बहुत बिमारी पड़ गया। उसके बेटों ने डॉक्टर को बुलाया जहां डॉक्टर ने कह दिया की आपके पास ज्यादा समय नहीं है आपकी कोई आखिरी ख्वाहिश हो तो पूरा कर लें। वैसे तो आलसी बेटे कुछ काम नहीं करते थे I लेकिन वह अपने पिता से बहुत प्यार करते थे। डॉक्टर के जाने के बाद वह सभी रोने लगे। अपने बेटों को दुखी देखकर किसान का दिल पिघल गया | और कहा चिंता मत करों बच्चों मैं स्वर्ग से तुम्हारी रक्षा करूंगा | और जिससे की तुम कभी भूखें ना रहो मैंने खेत में सारा धन गांड़ दिया है। जब वह तुम्हें मिले तो तुमलोग बाज़ार जाकर उसे बेच देना वह तुम्हारे जिदंगी भर के लिए काम आएगी। कुछ ही समय के बाद किसान की मौत हो गई। कुछ दिन तक दुखी बेटे दुख के मारे कोई काम नहीं कर पाएं पर फिर उन्हें लगा भोजन के लिए कुछ तो करना पड़ेगा। बेटों ने खेतों में खुदाई शुरू कर दी पर वहां उन्हें कुछ ना मिला। उनके पिताजी के दोस्त ने कहा आखिर तुमने खेत जोत ही दिया है। तो क्यों ना बीज भी डाल दो। hut samay ka pahle बहुत समय पहले एक गांव में एक किसान रहता था। उसके पास काफी संपत्ति थी क्योंकि उसने बहुत सालों तक खूब मेहनत किया था। उसके पास बहुत बड़े-बड़े खेत थे पर वह बहुत दुखी था। क्योंकि उसके बेटे बहुत पसंद आलसी थे। ना तो वह मदद करते थे। सारे दिन सोते ही रहते थे और अपना समय फालतू के खेलों में बर्बाद किया करते थे। एक दिन किसान बहुत बिमारी पड़ गया। उसके बेटों ने डॉक्टर को बुलाया जहां डॉक्टर ने कह दिया की आपके पास ज्यादा समय नहीं है आपकी कोई आखिरी ख्वाहिश हो तो पूरा कर लें। वैसे तो आलसी बेटे कुछ काम नहीं करते थे I लेकिन वह अपने पिता से बहुत प्यार करते थे। डॉक्टर के जाने के बाद वह सभी रोने लगे। अपने बेटों को दुखी देखकर किसान का दिल पिघल गया | और कहा चिंता मत करों बच्चों मैं स्वर्ग से तुम्हारी रक्षा करूंगा | और जिससे की तुम कभी भूखें ना रहो मैंने खेत में सारा धन गांड़ दिया है। जब वह तुम्हें मिले तो तुमलोग बाज़ार जाकर उसे बेच देना वह तुम्हारे जिदंगी भर के लिए काम आएगी। कुछ ही समय के बाद किसान की मौत हो गई। कुछ दिन तक दुखी बेटे दुख के मारे कोई काम नहीं कर पाएं पर फिर उन्हें लगा भोजन के लिए कुछ तो करना पड़ेगा। बेटों ने खेतों में खुदाई शुरू कर दी पर वहां उन्हें कुछ ना मिला। उनके पिताजी के दोस्त ने कहा आखिर तुमने खेत जोत ही दिया है। तो क्यों ना बीज भी डाल दो। बेटे तैयार हो । खेत बुआई करके उन्होंने इंतजार किया। उस साल मूसलाधार बारिश एक दिन जब बेटे सुबह उठे तो उन्होंने हवा में लहराते हुए अपनी फसल देखी। सब देखकर उनकी आंखें फटी की फटी रह गई और उन्होंने कहा की यहीं वह धन था जो पिताजी हमारे लिए छोड़ के चले अगर हम काम करेंगे तो हम कभी भी भूखे नहीं रहेंगे। ©Rayna Begom ek gaon ka Kahani