यह तो हमें सपनों के जिम्मेदारियों ने घेर रखा है जनाब, वरना आदमी तो हम भी कमाल के थे। थोड़ा मुस्कुरा लेते हैं अपने उन चंद दोस्तों के साथ तो थोड़ा सपनों की अदालत में अपना मुकदमा पेश करते हैं। अरे पता है हमें, वक्त लगेगा उस अदालत का मुकदमा जीतने में, पर एक दिन ऐसा आएगा कि जीवन रूपी न्यायाधीश वक्त नहीं लगाएगा न्याय करने में......! सपनों की चादर। ❤️🙏 #My_composition