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पंखुड़ियां फैला खड़ा तू यहाँ , जग में आज तेरी बराबरी

पंखुड़ियां फैला खड़ा तू यहाँ , जग में आज तेरी बराबरी कहाँ. समय के तमाचे की देर है प्यारे , मेरी फकीरी भी क्या तेरी बादशाहत भी क्या . From poem "Samay ka Tamacha"
#poem #time #motivation
पंखुड़ियां फैला खड़ा तू यहाँ , जग में आज तेरी बराबरी कहाँ. समय के तमाचे की देर है प्यारे , मेरी फकीरी भी क्या तेरी बादशाहत भी क्या . From poem "Samay ka Tamacha"
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mohitrajput4184

Mohit Rajput

New Creator