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मुझे मुहब्ब्त के दरिया में छोड़ कर खुद पार आ गए, तु

मुझे मुहब्ब्त के दरिया में छोड़ कर खुद पार आ गए,
तुम्हारे जाने के बाद ग़म ए तूफ़ान हज़ार आ गए।
ये हवाएं बर्बादी की कुछ इस कदर चली राह ए मुहब्ब्त में,
मुझको मिटाने ये सागर अश्कों के बेशुमार आ गए ।
,,,,,,,,,,विशाल,,,,,,, मुहब्ब्त का दरिया
मुझे मुहब्ब्त के दरिया में छोड़ कर खुद पार आ गए,
तुम्हारे जाने के बाद ग़म ए तूफ़ान हज़ार आ गए।
ये हवाएं बर्बादी की कुछ इस कदर चली राह ए मुहब्ब्त में,
मुझको मिटाने ये सागर अश्कों के बेशुमार आ गए ।
,,,,,,,,,,विशाल,,,,,,, मुहब्ब्त का दरिया
sanu7233911295746

सानू

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