तुम मेरी लाइफ की वो अनकही किताब हो जिसके हर एक पन्नो से आज भी मुहब्बत की है मैने, भले ही साथ नही हो जिंदगी की इस सफर में तुम मेरी, मैंने सीखा है तुमसे समय की कद्र क्या होती है किसी के लिए, तेरी एक मुस्कुराहट देखते ही खिल जाता है पूरा दिन मेरा, पता नहीं क्या होगा जब साथ रहोगी तुम दिनभर मेरे, तेरी सादगी से मुहब्बत थी मुझे, मैंने सीखा है तेरी सादगी से भी, लोगों के दिलों में अपनी एक अलग पहचान बनाना, तेरा वो नर्म लहजा जिसका आज भी कायल हूं मैं, मैने सीखा है मुश्किल की हर घड़ी में सब्र न खोना, तेरी जिंदगी से सीखा है मैने,अपनो की जिंदगी में खुशियों से भरे पल लाना, मैं जब भी कभी अकेला पड़ा हूं जिंदगी की इस भीड़ में, तुम हमेशा ही मुझे मेरे साथ मिली हो जिंदगी के हर मोड़ पर, मैं जब भी कभी उलझा हूं किसी उलझन में, ख्यालों में सिर्फ एक तुम ही नजर आई हो मेरी, मैने जब भी कभी पीछे मुड़कर देखा है इस जिंदगी को, तेरी प्यारी सी वो बातें जिन्होंने उम्र के हर इक मोड़ पर मुझे हौसला दिया है, मेरी हर एक कमी को तुम ऐसे पूरा कर देती हो, जैसे बचपन में मेरी मां के आंचल में बैठते ही हर एक ख्वाब पूरे हो जाते थे मेरे, जिसके साथ होने का सुकून ही अलग है मेरे लिए..!!! ©Bablu Sahu #मेरे_लफ्ज़_मेरे_जज़्बात #तेरी_मुस्कुराहट