"मेरा लिखा कुछ" वो मेरे साथ जीने की कसमें खाना मेरे एक बार बुलाने पे तेरा चले आना , मुझे देखके तेरा मुस्कुराना वो तेरा कॉलेज में प्रैक्टिकल का बहाना सब याद आता है ऐ यार तू मुझे बहुत रुलाता हे । वो यारों का साथ पुराना वो गोविन्दगढ़ में पेटीज खाना कॉलेज बस में साथ बैठके आना वो मेरी प्रैक्टिकल फाइल बनाना सब याद आता है ऐ यार तू मुझे बहुत रुलाता हे। वो तेरा मुझे रो रोकर बुलाना तेरे कहने पे मेरा जयपुर से आना कॉल करके तेरा रात भर जगाना मेरा बात करते करते सो जाना सब याद आता है ऐ यार तू मुझे बहुत रुलाता हे । वो सबसे पहले तेरा मॉर्निंग कहना वो हर वक्त मेरे टच में रहना मेरे नाराज होने पे तेरे आंसुओ का बहना मुझे मनाने के लिए बार बार सॉरी कहना सब याद आता है ऐ यार तू मुझे बहुत रुलाता हे । Written by arif khan. mera likha kuch