" ख़्यालों की दुनिया" वह हकीक़त में तो कभी मेरी ना हुई, काश ख़्यालों की दुनिया में मेरी हो जाए, माना कि ख़्वाब ख़्वाब ही होते हैं, लेकिन मुझे ख़्वाब में भी जीना है तो सिर्फ उसे। कैसे समझाऊं इस नादान दिल को, के ये ख़्वाब कभी हकीक़त नहीं बन पाते, यह जो ख़्याल है वह ख़्याल ही रह जाते है, और आखिर में तो हम बस अकेले ही रह जाते हैं। ख़्यालों की दुनिया होती है ख्वाबों सी, भले ही किरदार सामने नहीं होता, लेकिन ख़्यालों से उसे महसूस करके, पाते है सुकून अजीब सा। ख़्यालों की दुनिया होती है सतरंगी, बुनती है हर वक़्त नए ख़्वाब, लेकिन होती है हसीन ख़्यालों की दुनिया, क्योंकि उसमें हर पल बस खुशी ही मिलती है। -Nitesh Prajapati #collabwithकोराकाग़ज़ #kksc35 #ख़्यालोंकीदुनिया #विशेषप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़