माना टूट चुका हूं थोड़ी सी आस बाकी है मर चुका हूं फिर भी थोड़ी सी सांस बाकी है नफरत है थोड़ी सी मोहब्बत भी बाकी है दर्द तो है थोड़ी सी राहत बाकी है आंखें सूखी हैं पर थोड़ा पानी भी बाकी है मुस्कुराहट तो है थोड़ा सा गम भी बाकी है अंधेरा तो है रोशनी की किरण बाकी है इंसानियत तो है दरिन्दगी ज्यादा बाकी है। #Nojoto#nojotohindi#baakihai#hindipoetry