कुछ पल के लिए सही, ढहर तो जा जो रह गई थी अधूरी बातें ,उन्हें पूरी तो करता जा बेशक अब बेपरवाह हैं तू, मेरे इश्क़ से कभी फुर्सत मिले तो ,मुझसे नज़रे तो मिलाता जा कुछ रह गया था, हम दोनों के दरमियां आज वो गिले शिकवे ,अपने साथ लेता तो जा कुछ पल के लिए सही ढहर तो जा...... मेरी तन्हाइयों को सुकून के दो पल देता तो जा तुझसे मिलने को जो मचल रहा था मेरा दिल उन अरमानों को एक हवा तो देता जा कब से कैद था मेरा प्यार तुम्हारे लिए उनको झूठा ही सही वादा तो करके जा कुछ पल के लिए ही सही ढहर तो जा...... ******* - Divya sharma(Dippi creations)✍🏻 ©Dippi creations #Dippicreations #mywords #MyThoughts #Pyar #lonely #Pyar #myshyari