तू हंसती रहे सदा,तेरी आंख ज़रा भी नम ना हो ये साया तेरे आंचल का सुबह-शाम कभी भी कम ना हो मां मुझे उस ख्वाब से भी डर लगता है जिस ख्वाब में तुम ना हो। जब जब तूने अपने सीने से लगाकर मां मुझको प्यार किया है तब तब मैंने हर लम्हा जन्नत का दीदार किया है तेरे मेरे बीच का ये प्यार ज़रा भी कम ना हो मां मुझे उस ख्वाब से भी डर लगता है जिस ख्वाब में तुम ना हो। मेरे इस कड़वाहट जीवन में तू ही अमृत का प्याला है मां अंधेरे से इस जीवन में तूने ही किया उजाला है सहकर सारे कष्टों को, तूने सीने से लगाकर पाला है अरमान बहुत हैं तेरे मन में ये अरमान कभी भी कम ना हो तू हंसती रहे सदा,तेरी आंख ज़रा भी नम ना हो ये साया तेरे आंचल का सुबह-शाम कभी भी कम ना हो मां मुझे उस ख्वाब से भी डर लगता है जिस ख्वाब में तुम ना हो। ©आलोक कुमार कर्ण #Maan