सिर्फ दीवारों पर लिखने से... न्यूज चैनल पर झूठे वादे करने से... अच्छे दिन नही आने वाले हैं। महज़ धारा 370 के है जाने से... आनन फानन प्राण प्रतिष्ठा करने से... अच्छे दिन नही आने वाले हैं। गौरव की सचमुच आलोक बात हुई है... हुआ निर्मित सैकड़ों वर्षों बाद मंदिर महान... किंतु इतने से अच्छे दिन नही आने वाले हैं। विश्व गुरु बनने का सपना दिखलाया... फिर कर्जे में भारत को डुबाया जा रहा... क्या ऐसे अच्छे दिन आने वाले हैं? वर्तमान में मनमोहन जी जैसे सेवक प्रधान नही... हैं बोलते कम किंतु करके दिखलाते हैं... क्या सचमुच वो अच्छे दिन थे? डीजल,पेट्रोल जैसी मूलभूत सुविधाओं पर... दूध,अनाज,शिक्षा पर भी कर का कठोर वार किया... क्या इन्हीं अच्छे दिनों का सपना दिखलाया था? ©आलोक अग्रहरि #अच्छे_दिन