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हे माधव ... एक दिन और गुजर गया तेरी पनाहों में अप

हे माधव ...
एक दिन और गुजर गया तेरी पनाहों में 
अपने अच्छे बुरे कर्मो की गठरी लिए 
फ़िर खडी हुँ द्वार तेरे 
करने समर्पित अपनी दिन भर की कमाई तेरे चरणों में !
स्वीकारो प्रभु 🙏

कितने कांटे हैं कितने हैं फूल ?
कितनी खुश्बू है कितनी है  धूल  ? 
इसका हिसाब तो तुझे ही रखना है कान्हा !
फूलों की सुगंध मिले ना मिले 
काँटों की चुभन से बचा लेना प्रभु !🙏 !
करना इतनी कृपा मेरे बिहारी जु .......
मेरी गठरी में सब के लिए फूल हो सुगंध हो और खुशियां हो! #कान्हा
हे माधव ...
एक दिन और गुजर गया तेरी पनाहों में 
अपने अच्छे बुरे कर्मो की गठरी लिए 
फ़िर खडी हुँ द्वार तेरे 
करने समर्पित अपनी दिन भर की कमाई तेरे चरणों में !
स्वीकारो प्रभु 🙏

कितने कांटे हैं कितने हैं फूल ?
कितनी खुश्बू है कितनी है  धूल  ? 
इसका हिसाब तो तुझे ही रखना है कान्हा !
फूलों की सुगंध मिले ना मिले 
काँटों की चुभन से बचा लेना प्रभु !🙏 !
करना इतनी कृपा मेरे बिहारी जु .......
मेरी गठरी में सब के लिए फूल हो सुगंध हो और खुशियां हो! #कान्हा