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आसमां के चादरों को साफ करने बैठी हो... गम के दरिय

आसमां के चादरों को साफ करने बैठी हो... 
गम के दरिया के साथ चलने लगी हो... 
इतना गुनाह मत करो...
 अश्कों को सम्भाल कर.... 
क्यों जलन से भर गयी हो!

©Di Pi Ka
  #प्रेम_पंक्ति