#KargilVijayDiwas (कारगिल विजय दिवस) (एक शहीद बेटे का, अपनी बेसहारा माँ को पैग़ाम") "ए माँ, तू आँखों में यू,आँशु ना लाया कर, मेरे दिल में, चोट गहरी लगती हैं, मैं तो बुढ़ापे में तेरी, सेवा करना चाहता था, पर तूने ही तो, मुझे देश भक्त बनाया था, तू देख माँ, तेरे बेटे ने तेरा आँचल, तिरंगे से कैसे सजाया था, मुझे गर्व हैं, कि अपने देश के लिए, मैं शहीद हुआ था, अफसोस बस इतना सा हैं, कि मुझे देश भक्त बनाने वाली, तुझे कोई सुख दे ना सका, जीते जी तूने, अपनी गोद में उठाया था, ओर अब शहीद होकर , मिट्टी में मिल गया हूँ, तो अपने सर पर, बोझ मेरा उठाकर, दो वक्त की रोटी खाती हैं, माँ, मैं शायद माफ़ी के क़ाबिल नहीं, फिर भी तेरा खून हूँ, मुझे माफ़ कर देना, मेरी इस वेदना इस दर्द को, कोई तो मेरा देशवासी समझेगा, तुझे एक नहीं, कई हिदुस्तानी बेटे लेने आयेंगे, ए माँ, तू रोया ना कर, मेरी आत्मा तड़पती हैं, ए माँ, तू आँखों में आँसू लाया ना कर, मेरे दिल में चोट गहरी लगती हैं। पायल कश्यप। #कारगिल विजय दिवस !