अपनों का प्यार आशीर्वाद मिली धरोहर साथ बीते हर पल अपनों के संग यही है मनोहर संस्कार है अमानत जिसे निभाऊं मै जन्मों जन्मांतर बस ईश्वर की कृपा रहे मेरे अपनों पर चाहती हूं अंतर्मन अमानत