डियर पिम्पल
तुम कहाँ चले गए मेरे चेहरे का मुलायम गद्दा छोड़कर? मेरी ज़िंदगी में तुम अपनी एहमियत जानते भी हो या नहीं। लोगों ने तुम्हारी वजह से मुझे आंटीजी कहना शुरू कर दिया है। जब तक तुम मेरे इस मुलायम गद्देदार चेहरे पर विराजमान थे, तब तक लोग मुझे कॉलेज जाने वाली एक नवयौवना की भांति समझकर मुझसे प्रेमपूर्वक व्यवहार करते थे। उन्हें सदा ही मेरे भविष्य की चिंता लगी रहती थी लेकिन तुम्हारे जाने के बाद लोगों ने सारी जिम्मेदारी मेरे नाजुक कंधो पर डाल दी है।
आज पैन और पॉपकॉर्न की वजह से ही मैं तुम्हें अपन