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यूँ न निगाह-ए-नाज़ से घायल करो सनम हमको कि तेरा अस

यूँ न निगाह-ए-नाज़ से घायल करो सनम हमको
कि तेरा असर रुख़सार पे ज़माने को दिख जाता है ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के। 😊

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें। 💐

♥️ केवल 2 पंक्ति लिखनी हैं और वो भी प्यार की।

♥️ कृपया स्वरचित एवं मौलिक पंक्तियाँ ही लिखें।
यूँ न निगाह-ए-नाज़ से घायल करो सनम हमको
कि तेरा असर रुख़सार पे ज़माने को दिख जाता है ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के। 😊

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