मैं तेरी मोहब्बत में, इक सबाल से मैं रोज़ उलझ जाता हूँ. कि जब वो जबाब नहीं,तो क्यो उस तलक जाता हूँ! पता नहीं उसके करीब जा रहा हूँ या दूर मैं. उसकी जानिब दो कदम चलता हूँ और चार लौट जाता हूँ वो सुने या ना सुने ये मर्जी उसकी मैं उसका नाम लेकर सब कहता जाता हूँ! उस तलक